Deepak-shayri diya-shayari ujale-ki-sayari hindi-shayris
मैं नन्हा सा दीया हूं
जलता रहूंगा घर द्वार पर
तुम अंधेरो को दो चुनौती
मेरे एतबार पर ।।
shayari : इश्क न होने के सिर्फ दो तरीके थे…दिल न बना होता या तुम ना बनी होती…
इश्क न होने के सिर्फ दो तरीके थे…
दिल न बना होता,
या
तुम ना बनी होती…
तो अपनी अपनी सोच में है वरना
दोस्ती भी
मोहब्बत से कम नहीं होती…
आँगन में होती तो हम गिरा भी देते,
साहेब…
कम्बख़्त आदमी ने
“दीवार”
दिल मे उठा रखी है…
बहुत सी है जगह रहने की यूं तो ,.
मगर…
“औक़ात” में रहने का अपना ही मज़ा है !!....
माना की औरों की मुकाबले,
कुछ ज्यादा पाया नहीं मैंने,,
पर खुश हूं कि खुद गिरता संभलता रहा
पर किसी को गिराया नही मैंने !